आरबीआई को बैंकिंग ऐप्स और रिकवरी एजेंटों के खिलाफ 7,813 शिकायतें मिलीं, वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
आरबीआई को बैंकिंग ऐप्स और रिकवरी एजेंटों के खिलाफ 7,813 शिकायतें मिलीं, वित्त मंत्रालय ने दी जानकारी
नई दिल्ली। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) के ओम्बड्समैन को 1 अप्रैल 2021 से 3 मार्च 2022 के दौरान बैंकों और कर्ज देने वाले एप का संचालन करने वाली एनबीएफसी के खिलाफ 7,813 शिकायतें मिली हैं। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें आरबीआइ में बिना पंजीकरण चलाए जा रहे एप के खिलाफ मिली हैं। इनमें एप की ओर से ज्यादा ब्याज व शुल्क वसूलने और कर्ज की वसूली के लिए ग्राहकों को परेशान करने की शिकायतें ज्यादा थीं। वित्त मंत्रालय ने बताया कि आरबीआइ ने आम जनता को आगाह किया था कि वे अनधिकृत डिजिटल लेंडिंग प्लेटफार्म या मोबाइल एप की अनैतिक गतिविधियों के शिकार न हों और कर्ज देने वाली ऐसी कंपनियों का सत्यापन जरूर करें। साथ ही आरबीआइ ने डिजिटल लेंडिंग से जुड़ी गतिविधियों के नियमन के लिए वर्किग ग्रुप का भी गठन किया है।
बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार ने उठाए कदम
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने आपूर्ति बढ़ाने संबंधी कई उपाय किए हैं। प्रमुख जिंसों की कीमतों पर सरकार नजर बनाए हुए है और समय-समय पर सख्त कदम उठाए गए हैं। सरकार की ओर से उठाए गए कदमों में से दालों के आयात शुल्क में कटौती, टैरिफ को तर्कसंगत बनाना और खाद्य तेलों के भंडारण पर स्टाक लिमिट लगाना शामिल है।
8.6 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की हुई वसूली
सरकार और आरबीआइ द्वारा उठाए गए कदमों के चलते बैंकों ने आठ सालों के दौरान 8.6 लाख करोड़ रुपये कीमत के फंसे कर्जो की वसूली की है। यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री भागवत किशन कराड ने लोकसभा में सोमवार को दी। उन्होंने कहा कि कर्जो का एनपीए होना एक सामान्य बात है, लेकिन बैंकिंग व्यवसाय के लिए यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक कारोबारी माहौल, क्षेत्रीय मुद्दे सहित कई अन्य कारक एनपीए के लिए जिम्मेदार हैं और सरकार और आरबीआइ नियमित रूप से इस संबंध में दिशानिर्देश जारी करते हैं।